সপুষ্পক উদ্ভিদ: বিভিন্ন সংশোধনসমূহৰ মাজৰ পাৰ্থক্য

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18 নং শাৰী:
*'''দ্বিবীজপত্ৰী সপুষ্পক উদ্ভিদ''' : ইয়াৰ বীজ সমূহৰ ভিতৰত দুটা দল থাকে। সেয়েহে ইয়াক দ্বিবীজপত্ৰী বোলা হয়। এই প্ৰকাৰৰ উদ্ভিদ কেইবাহাজাৰটা প্ৰজাতি উপলব্ধ আছে।
 
== প্ৰজনন ==
== প্ৰজনন == সপুষ্পক উদ্ভিদ সমূহে যৌন প্ৰজননৰ বাবে ফুল নামৰ অংশ বিধৰ বিকাশ কৰে। এই অংশ বিধতে গছ জোপাৰ প্ৰজননৰ ক্ষমতা থাকে। এই প্ৰকাৰৰ উদ্ভিদসমূহ ফুলৰ উৎপাদন কৰে বাবে বাগিছা সমূহত প্ৰায় ব্যৱহাৰ হয়।संवृतबीजी के [[पुष्प]] नाना प्रकार के होते हैं और इन्हीं की बनावट तथा अन्य गुणों के कारण संवृतबीजी का [[वर्गीकरण]] किया गया है। [[परागण]] के द्वारा पौधों का [[निषेचन]] होता है। निषेचन के पश्चात् भ्रूण धीरे धीरे विभाजित होकर बढ़ता चलता है। इसकी भी कई रीतियाँ हैं जिनका भारतीय वनस्पति विज्ञानी महेश्वरी ने कॉफी विस्तार से अध्ययन किया है। भ्रूण बढ़ते बढ़ते एक या दो दलवाले बीज बनाता है, परंतु उसके चारों तरफ का भाग अर्थात् अंडाशय, तथा स्त्रीकेसर (pistil) का पूरा भाग बढ़कर फल को बनाता है। बीजों को ये ढँके रहते हैं। इसी कारण इन बीजों को आवृतबीजी या संवृतबीजी कहते हैं। फल भी कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मनुष्य के उपयोग में कुछ आते हैं। [[सेब]] में पुष्पासन (thalamus) का भाग, [[अमरूद]] में पुष्पासन तथा फलावरण, बेल में बीजांडासन (placents) का भाग, [[नारियल]] में भ्रूणपोष (endosperm) का भाग खाया जाता है।
 
== উপকাৰিতা ==
संवृतजीवी पौधे अनेक रूपों में मनुष्य के काम आते हैं। कुछ संवृतवीजी पौधे तो खानेवाले अनाज हैं, कुछ दलहन, कुछ फल और कुछ शाक सब्जी। कुछ पौधे हमें चीनी प्रदान करते हैं तो कुछ से हमें पेय, कॉफी, चाय, फल नीबू प्राप्त होते हैं। कुछ से मदिरा बनाने के लिए अंगूर, संतरा, महुआ, माल्ट आदि मिलते हैं। वस्त्र के लिए कपास, जूट, औषधियों के लिए सर्पगंधा, सिंकोना, यूकेलिप्टस, भृंगराज, तुलसी, गुलबनफ़सा, आँवला इत्यादि हैं। इमारती लकड़ी टीक, साल एवं शीशम से, रंग नील, टेसू इत्यादि से और रबर हीविया, आर्टोकार्पस इत्यादि वृक्षों से प्राप्त होते हैं। वनस्पति जगत् का संवृतबीजी बड़ा व्यापक और उपयोगी उपवर्ग है। पृथ्वी के हर भाग में यह बहुतायत से उगता है।
 
==উৎস প্ৰসংগ==
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