সপুষ্পক উদ্ভিদ সমূহে যৌন প্ৰজননৰ বাবে ফুল নামৰ অংশ বিধৰ বিকাশ কৰে। এই অংশ বিধতে গছ জোপাৰ প্ৰজননৰ ক্ষমতা থাকে। এই প্ৰকাৰৰ উদ্ভিদসমূহ ফুলৰ উৎপাদন কৰে বাবে বাগিছা সমূহত প্ৰায় ব্যৱহাৰ হয়।संवृतबीजीহয়।সপুষ্পক केউদ্ভিদৰ [[पुष्प]]ফুল नानाগঠন,আকৃতি,গুণ प्रकारঅনুসৰি केকেইবা होतेপ্ৰকাৰৰ हैंথাকে। औरপৰাগণ इन्हींসংযোগৰ कीদ্বাৰা बनावटইয়াৰ तथाসপুষ্পক अन्यউদ্ভিদৰ गुणोंনিষেচন के कारण संवृतबीजी का [[वर्गीकरण]] किया गया है। [[परागण]] के द्वारा पौधों का [[निषेचन]] होता है।হয়। निषेचन के पश्चात् भ्रूण धीरे धीरे विभाजित होकर बढ़ता चलता है। इसकी भी कई रीतियाँ हैं जिनका भारतीय वनस्पति विज्ञानी महेश्वरी ने कॉफी विस्तार से अध्ययन किया है। भ्रूण बढ़ते बढ़ते एक या दो दलवाले बीज बनाता है, परंतु उसके चारों तरफ का भाग अर्थात् अंडाशय, तथा स्त्रीकेसर (pistil) का पूरा भाग बढ़कर फल को बनाता है। बीजों को ये ढँके रहते हैं। इसी कारण इन बीजों को आवृतबीजी या संवृतबीजी कहते हैं। फल भी कई प्रकार के होते हैं, जिनमें मनुष्य के उपयोग में कुछ आते हैं। [[सेब]] में पुष्पासन (thalamus) का भाग, [[अमरूद]] में पुष्पासन तथा फलावरण, बेल में बीजांडासन (placents) का भाग, [[नारियल]] में भ्रूणपोष (endosperm) का भाग खाया जाता है।